Smartphone mein नॉन रिमूवेबल battery क्यों आने लगी hai?
Smartphone mein नॉन रिमूवेबल battery क्यों आने लगी hai?
पहले mobile बैटरी को बाहर निकाला जा सकता था अब जो स्मार्टफोन आते हैं उसमें बैटरी अंदर ही फिट क्यों आती है ?
पहले तो यह जान लीजिये की नॉन रिमूवेबल बैटरी जैसी कोई चीज होती ही नहीं। सभी प्रकार के फ़ोन की बैटरी निकाली जा सकती है।
1. बस कुछ फ़ोन यूजर रिमूवेबल बैटरी वाली होती है|यानि आप और मै आसानी से बैक पैनल हटा कर battery निकाल सकते है। और
2. दूसरे तरह के फ़ोन यानि आजकल के फ़ोन नोन यूजर रिमूवेबल बैटरी वाली होती है यानि आप और मै आसानी से पैनल हटा कर बैटरी नहीं निकाल सकते। उसके लिये विशेष औजार चाहिये या सर्विस सेंटर पर जाना पड़ेगा।
जब नॉन रिमूवेबल बैटरी वाली सिस्टम पहली बार बाजार में आयी तो इसकी काफी आलोचना हुई।लेकिन जैसे जैसे इसके फायदे साबित होते गए वैसे वैसे सब अपनाते गये।
उपभोक्ता को बैटरी हटाने की सुविधा न दिये जाने के निम्न कारण है: 👇
👉 फिंगरप्रिंट सेंसर
अधिकांश समर्टफोन का फिंगरप्रिंट सेंसर पीछे होता है। इसका कुछ भाग मुख्य सर्किट बोर्ड से जुड़ा होता है और कुछ भाग बैक पैनल पर फिक्स होता है ऐसी सिथति में बैटरी निकालने हेतु खुलने वाली बैक पैनल का इस्तेमाल किया जाय तो समस्यायेँ उतपन्न होगी।
👉 फोन डिज़ाइन में ज्यादा स्वतंत्रता -
नॉन रिमूवेबल या बिल्ट इन या फिक्स्ड बैटरी के आ जाने से अब ऐसे किसी भी बंदिश के ना होने के कारण फोन के डिजाइन में बहुत ज्यादा स्वतंत्रता डिजाइनर को मिल गई है जिस कारण फोन में और भी ज्यादा फीचर्स दिए जा सकते हैं, और भी ज्यादा कल पुर्जे फिट कर।
👉 बैटरी डिज़ाइन में ज्यादा स्वतंत्रता और ज्यादा शक्तिशाली बैटरी -
पहले जब बैटरी को हटाने की स्वतंत्रता थी तब बैटरी की डिजाइन केवल चौकोर रखना निहायत ही जरूरी था लेकिन इस बाध्यता के खत्म हो जाने से हर तरह की बैटरी यानी curve वाली बैटरी या L आकार की बैटरी संभव हो पाई है जिसमें बैटरी की क्षमता और आयु दोनों ही बढ़ गई है।
👉 फोन की सीलिंग (Sealing
फोन की सीलिंग (Sealing) काफी बेहतर हो जाती है। कारण आईपी 68 रेटिंग (1 मीटर से ज्यादा गहरा पानी से भी बचाव) का भी मोबाइल अब उपलब्ध है जबकि पहले IP 63 रेटिंग (पानी स्प्रे) भी उपलब्ध नहीं था।सारांश यह कि धूल और पानी से मोबाइल का बेहतर बचाव उपलब्ध है। सलाइड/पुश बैक कवर जब फिट होता था तो उसके लिए अतिरिक्त जगह छोड़नी पड़ती थी ,सो उसके हट जाने के कारण फोन अब ज्यादा पतला और हल्का हो पाया है।
👉 बैटरी के अलग होने की संभावना
फोन गिरने पर पर बैटरी के अलग होने की संभावना बिल्कुल ही खत्म हो गई।
👉 वाटरप्रूफिंग:
आपका mobile वाटरप्रूफ न हो लेकिन उनकी डिज़ाइन कुछ ऐसा होता है की पानी में कुछ मिनट पड़े रहने से नुकसान बहुत कम होता है, यह न हटाए जा सकने वाली बैक पैनल की ही देन है।
Non-removable battery वाले mobile ke नुकसान- 👇
1.फोन ko paani mein गिरने par हम तुरंत battery निकाल kar सुखा dete थे। ताकि फ़ोन सही रहे लेकिन अब ऐसा nahi ho पायेगा।
2. Iska battery खुद se nahi बदल सकते। aapko सर्विस सेंटर ya kisi mobile dukaan mein जाना hi पड़ेगा। जिसके कारनसरिमूवेबल battery ke अपेक्षा इसमें खर्च करना पड़ेगा।
3. Battery समाप्त hone par इमरजेंसी mein kisi सेम मॉडल ke bhi kisi दुसरे phone ki battery nahi laga सकते hain. इसे mein पावर बैंक या डायरेक्ट चार्जिंग का सहारा लेना पड़ेगा।
एक बात और 👉 नॉन रिमूवेबल या बिल्ट इन या फिक्स्ड बैटरी के आ जाने से कंपनी की आय में वृद्धि की बात नितांत भ्रामक है क्योंकि वारंटी अवधि के बाद (जो अमूमन 1 साल होता है) आप अधिकृत सर्विस सेंटर की जगह किसी भी मोबाइल दुकान में बदलवा सकते हैं जो बमुश्किल 200 लेबर चार्ज लेता है। यदि आप अधिकृत सर्विस सेंटर में भी जाएं तो भी 200- मैं अभी तक 3 बार विभिन्न मोबाइल में बैटरी बदलवा चुका हूँ; पहली बार सैमसंग अधिकृत सर्विस सेंटर में और दूसरी बार लोकल मोबाइल दुकान में और मेरा अनुभव लोकल दुकान का ही बेहतर रहा। ऑनलाइन ओरिजनल बैटरी मंगाएं और किसी भी मोबाइल दुकान से बदलवाएं । साथ ही डुप्लीकेट की भी संभावना खत्म नहीं हुई है क्योंकि ऑनलाइन समेत हर जगह ऐसी डुप्लीकेट बैटरी हर तरह के फोन हेतु मिल रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि कोई भी मोबाइल कंपनी बैटरी को नहीं बनाती है बल्कि किसी अन्य कंपनी से बनवाती है ।
अब aapko पता चल gya hoga ki removable battery aur non-removable battery mein kaun कितना अच्छा aur कितना ख़राब hain. जानकारी अच्छी लगी ho to इसे share ज़रूर share करे।
धन्यवाद...
पहले mobile बैटरी को बाहर निकाला जा सकता था अब जो स्मार्टफोन आते हैं उसमें बैटरी अंदर ही फिट क्यों आती है ?
पहले तो यह जान लीजिये की नॉन रिमूवेबल बैटरी जैसी कोई चीज होती ही नहीं। सभी प्रकार के फ़ोन की बैटरी निकाली जा सकती है।
1. बस कुछ फ़ोन यूजर रिमूवेबल बैटरी वाली होती है|यानि आप और मै आसानी से बैक पैनल हटा कर battery निकाल सकते है। और
2. दूसरे तरह के फ़ोन यानि आजकल के फ़ोन नोन यूजर रिमूवेबल बैटरी वाली होती है यानि आप और मै आसानी से पैनल हटा कर बैटरी नहीं निकाल सकते। उसके लिये विशेष औजार चाहिये या सर्विस सेंटर पर जाना पड़ेगा।
जब नॉन रिमूवेबल बैटरी वाली सिस्टम पहली बार बाजार में आयी तो इसकी काफी आलोचना हुई।लेकिन जैसे जैसे इसके फायदे साबित होते गए वैसे वैसे सब अपनाते गये।
उपभोक्ता को बैटरी हटाने की सुविधा न दिये जाने के निम्न कारण है: 👇
👉 फिंगरप्रिंट सेंसर
अधिकांश समर्टफोन का फिंगरप्रिंट सेंसर पीछे होता है। इसका कुछ भाग मुख्य सर्किट बोर्ड से जुड़ा होता है और कुछ भाग बैक पैनल पर फिक्स होता है ऐसी सिथति में बैटरी निकालने हेतु खुलने वाली बैक पैनल का इस्तेमाल किया जाय तो समस्यायेँ उतपन्न होगी।
👉 फोन डिज़ाइन में ज्यादा स्वतंत्रता -
नॉन रिमूवेबल या बिल्ट इन या फिक्स्ड बैटरी के आ जाने से अब ऐसे किसी भी बंदिश के ना होने के कारण फोन के डिजाइन में बहुत ज्यादा स्वतंत्रता डिजाइनर को मिल गई है जिस कारण फोन में और भी ज्यादा फीचर्स दिए जा सकते हैं, और भी ज्यादा कल पुर्जे फिट कर।
👉 बैटरी डिज़ाइन में ज्यादा स्वतंत्रता और ज्यादा शक्तिशाली बैटरी -
पहले जब बैटरी को हटाने की स्वतंत्रता थी तब बैटरी की डिजाइन केवल चौकोर रखना निहायत ही जरूरी था लेकिन इस बाध्यता के खत्म हो जाने से हर तरह की बैटरी यानी curve वाली बैटरी या L आकार की बैटरी संभव हो पाई है जिसमें बैटरी की क्षमता और आयु दोनों ही बढ़ गई है।
👉 फोन की सीलिंग (Sealing
फोन की सीलिंग (Sealing) काफी बेहतर हो जाती है। कारण आईपी 68 रेटिंग (1 मीटर से ज्यादा गहरा पानी से भी बचाव) का भी मोबाइल अब उपलब्ध है जबकि पहले IP 63 रेटिंग (पानी स्प्रे) भी उपलब्ध नहीं था।सारांश यह कि धूल और पानी से मोबाइल का बेहतर बचाव उपलब्ध है। सलाइड/पुश बैक कवर जब फिट होता था तो उसके लिए अतिरिक्त जगह छोड़नी पड़ती थी ,सो उसके हट जाने के कारण फोन अब ज्यादा पतला और हल्का हो पाया है।
👉 बैटरी के अलग होने की संभावना
फोन गिरने पर पर बैटरी के अलग होने की संभावना बिल्कुल ही खत्म हो गई।
👉 वाटरप्रूफिंग:
आपका mobile वाटरप्रूफ न हो लेकिन उनकी डिज़ाइन कुछ ऐसा होता है की पानी में कुछ मिनट पड़े रहने से नुकसान बहुत कम होता है, यह न हटाए जा सकने वाली बैक पैनल की ही देन है।
Non-removable battery वाले mobile ke नुकसान- 👇
1.फोन ko paani mein गिरने par हम तुरंत battery निकाल kar सुखा dete थे। ताकि फ़ोन सही रहे लेकिन अब ऐसा nahi ho पायेगा।
2. Iska battery खुद se nahi बदल सकते। aapko सर्विस सेंटर ya kisi mobile dukaan mein जाना hi पड़ेगा। जिसके कारनसरिमूवेबल battery ke अपेक्षा इसमें खर्च करना पड़ेगा।
3. Battery समाप्त hone par इमरजेंसी mein kisi सेम मॉडल ke bhi kisi दुसरे phone ki battery nahi laga सकते hain. इसे mein पावर बैंक या डायरेक्ट चार्जिंग का सहारा लेना पड़ेगा।
एक बात और 👉 नॉन रिमूवेबल या बिल्ट इन या फिक्स्ड बैटरी के आ जाने से कंपनी की आय में वृद्धि की बात नितांत भ्रामक है क्योंकि वारंटी अवधि के बाद (जो अमूमन 1 साल होता है) आप अधिकृत सर्विस सेंटर की जगह किसी भी मोबाइल दुकान में बदलवा सकते हैं जो बमुश्किल 200 लेबर चार्ज लेता है। यदि आप अधिकृत सर्विस सेंटर में भी जाएं तो भी 200- मैं अभी तक 3 बार विभिन्न मोबाइल में बैटरी बदलवा चुका हूँ; पहली बार सैमसंग अधिकृत सर्विस सेंटर में और दूसरी बार लोकल मोबाइल दुकान में और मेरा अनुभव लोकल दुकान का ही बेहतर रहा। ऑनलाइन ओरिजनल बैटरी मंगाएं और किसी भी मोबाइल दुकान से बदलवाएं । साथ ही डुप्लीकेट की भी संभावना खत्म नहीं हुई है क्योंकि ऑनलाइन समेत हर जगह ऐसी डुप्लीकेट बैटरी हर तरह के फोन हेतु मिल रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि कोई भी मोबाइल कंपनी बैटरी को नहीं बनाती है बल्कि किसी अन्य कंपनी से बनवाती है ।
अब aapko पता चल gya hoga ki removable battery aur non-removable battery mein kaun कितना अच्छा aur कितना ख़राब hain. जानकारी अच्छी लगी ho to इसे share ज़रूर share करे।
धन्यवाद...
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